मुंबई, 06 नवम्बर, (न्यूज़ हेल्पलाइन)। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व क्रिकेटर सुरेश रैना और शिखर धवन की कुल 11.14 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की है। जांच एजेंसी का कहना है कि दोनों खिलाड़ियों ने ऑनलाइन बेटिंग एप 1xBet के प्रमोशन से हुई कमाई को निवेश और संपत्ति खरीद में लगाया था। यह कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत की गई है।
ED के सूत्रों के मुताबिक, रैना के 6.64 करोड़ रुपए के म्यूचुअल फंड निवेश और धवन की 4.5 करोड़ रुपए की संपत्ति को ‘प्रोसीड्स ऑफ क्राइम’ यानी अपराध से अर्जित संपत्ति मानते हुए जब्त किया गया है। एजेंसी ने कहा कि यह पैसा सीधे तौर पर अवैध गतिविधियों से जुड़ा है। सितंबर में इस मामले में ED ने युवराज सिंह, सुरेश रैना, रॉबिन उथप्पा, शिखर धवन, अभिनेता सोनू सूद, अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती और बंगाली एक्टर अंकुश हाजरा से पूछताछ की थी। इसके अलावा कई सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर्स से भी सवाल-जवाब किए गए थे।
जांच एजेंसी ने बताया कि पूछताछ PMLA की धारा 50 के तहत की गई थी, जिसमें कई सेलिब्रिटीज ने अपने बैंक अकाउंट और ट्रांजैक्शन डिटेल्स पेश किए। इनसे पता चला कि उन्हें एडवर्टाइजमेंट फीस किस तरह से प्राप्त हुई थी। अधिकारियों ने बताया कि कुछ और खिलाड़ियों और कलाकारों से भी पूछताछ बाकी है। एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला, जो 1xBet की इंडिया एंबेसडर रह चुकी हैं, को भी तलब किया गया था, लेकिन विदेश में होने के कारण वे पेश नहीं हो सकीं।
ED का कहना है कि जब्ती आदेश को अब PMLA के एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी को भेजा जाएगा। कोर्ट से अनुमति मिलते ही इस मामले में चार्जशीट दाखिल की जाएगी। मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून के तहत अपराध से जुड़ी संपत्तियों को जब्त करने का उद्देश्य यह होता है कि दोषी उन संपत्तियों से कोई फायदा न उठा सकें।
1xBet साइप्रस की एक ऑनलाइन बेटिंग कंपनी है, जो 2007 में शुरू हुई थी। यह दुनिया भर में खेल आयोजनों पर दांव लगाने की सुविधा देती है। कंपनी खुद को एक वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त बुकी बताती है और इसकी वेबसाइट व एप 70 भाषाओं में उपलब्ध हैं। हालांकि भारत में इस प्लेटफॉर्म पर पूरी तरह प्रतिबंध है। जांच एजेंसियों का कहना है कि कंपनी पर टैक्स चोरी और निवेशकों से ठगी के आरोप हैं।
भारत सरकार ने हाल ही में पास किए गए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के तहत ऐसे सभी बेटिंग एप्स पर बैन लगाया है। सरकार का कहना है कि इनसे आम लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान पहुंच रहा है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद में बताया था कि करीब 45 करोड़ लोग ऐसे गेम्स से प्रभावित हैं और इससे करीब 20 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी इसे “गेमिंग डिसऑर्डर” की श्रेणी में रखा है।
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ड्रीम-11 जैसे फैंटेसी गेम्स को ‘स्किल बेस्ड’ यानी कौशल पर आधारित खेल बताया था, लेकिन बेटिंग एप्स को भारत में कभी कानूनी मान्यता नहीं मिली। सरकार का कहना है कि ऐसे प्लेटफॉर्म समाज में लत, आर्थिक नुकसान और पारिवारिक संकट को बढ़ावा दे रहे हैं। कई मामलों में लोग अपनी जमा-पूंजी खो चुके हैं और आत्महत्याओं की खबरें भी सामने आई हैं।
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संसद के मानसून सत्र में कहा था कि ऑनलाइन मनी गेम्स समाज में एक गंभीर समस्या बन चुके हैं। इनसे परिवारों की बचत खत्म हो रही है और मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। अनुमान है कि करीब 45 करोड़ लोग इससे प्रभावित हैं और 20 हजार करोड़ रुपए की हानि हो चुकी है।